हर एक दिन कुछ स्पेशल होता है। ऐसे मे किसी दोस्त को ग्रीटींग देने का मन हो गया है। ग्रीटींग स्टोेअर मे जाना पडेगा. ऐसे मे अपने मोबाईल मे ही ग्र्रीटींग मिल जाए तो, मोबाइलसेही हम ग्रीटींग भेज सकते है। अब जमाना डीजीटल हो गया है। और वैसेभी ग्रीटींग के लिए जेब में से पैसे भी जाते वो अलग बात है। हम रोज थोडेही ग्रीटींग खरीदने जाएंगे, कुछ खास पल के लिए तो हम ग्रिटींग खरीद सकतेही है। लेकीन रोज रोज के लिए कहा से ग्रीटींग लायेंगे, कुछ नई आयडीया है क्या, तो इसके लिए डिजीटल वालपेपर ही है। हम बात कर रहे है डिजीटल यानी मोबाईल वालपेपर की, इंटरनेट के जमाने मे एक ही क्लिक से वालपेपर मिलते है। वॉलपेपर जो होते है ये हमारे मोबाईल साइज के नही होते, इसलिए हम ये पोस्ट मे मोबाईल वॉलपेपर के बारे मे बताने जा रहे है। डिजीटल वॉलपेपर का उपयोग करके हम हमारी सृष्टी यानी पर्यावरण का संतुलन बनाने में भी मदत करते है। आप कहागे की, वालपेपर और हमारे पर्यावरण क्या संबंध है। तो ऐसा है की, ग्रीटींग होते है कागज के कागज बनता पेड से, तो कागज बचाना मतलब पेड बचाना ही तो है। जो काम कागज के बीना हो नही सकते उसके...